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Sunday, March 28, 2010

तमनना

तमनना  

जब से आप को देखा है होश खो बैठी हुं

बस तब से आप को पाने कि ह्ठ ले बैठी हुं

याद आती है दीन भर आपकी

अब जीद्गी हो गै है बेकार मेरी

तेरी यादो मे तडप ती रहेती हुं

तेरे ही खयालो मे घुम्ती रेहती हुं

बस अब एक ही त्म्न्ना है मेरी 

पानी है प्रीत आप की  


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